शुक्रवार, 30 जनवरी 2015
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मित्रों, बडी विनम्रता से कहना चाहून्गा कि मैं कोई कहानीकार नहीं हूं और ना ही कोई कवि। मां सरस्वती की कृपा से बस थोड़ा बहुत लिखने का प्रयास मात्र करता हूं और सच तो यह है कि मेरे कहानी लेखन में मेरी एक मित्र की प्रेरणा और कृपा छिपी हुई है। उन्होने मेरा पथ प्रशस्त कर मुझे इस योग्य बनाया कि मैं आज गद्य लेखन के क्षेत्र में कुछ लिखने का साहस कर पाता हूं।मैं उनकी उदारता और बड़प्पन के समक्ष नतमस्तक हूं।